दो ग्रहों की शीतकालीन संक्रांति- Do Graho Ki Shitkalin Sankranti Kya Hai?
हमारा सौरमंडल जितना बड़ा है हुआ उतने प्रकार के आश्चर्य से भरा हुआ है।
हमारे सौरमंडल में एक से बड़े एक आश्चर्य को अपने अंदर छुपा कर रखा है।
सौरमंडल में ऐसे ऐसे रहस्य है जिन्हे आज तक वैज्ञानिकों ने भी नहीं ढूंढ पाया।
इन्हीं में से एक है दो ग्रहों की शीतकालीन संक्रांति। Winter Solstice Of Two Planets
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दो ग्रहों की शीतकालीन संक्रांति (Do graho ki shitkalin sankranti)

दो ग्रहों की शीतकालीन संक्रांति खगोलीय घटना है जो वैज्ञानिकों के अनुसार 800 वर्षों में एक बार घटित होती है।
पिछली बार दो ग्रहों की संक्रांति की घटना 21 दिसंबर 2020 को गठित हुई थी।
इस दिन इस दिन रातें लंबी तथा दिन छोटे होते हैं इस दिन एक खास सहयोग होता है।
जिसके तहत हमारे सौरमंडल के 2 सबसे बड़े ग्रह शनि और बृहस्पति एक दूसरे के करीब आते हैं इस घटना को दोनों ग्रहों का मिलन माना जाता है।
उत्तरी गोलार्ध में इस दिन को एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
इस खगोलीय घटना के अवसर पर पूरे अमेरिका में अमेरिका वासियों ने इस खगोलीय घटना को एक त्योहार के रूप में मनाया।
यह दुनिया का एक लोकप्रिय त्यौहार है।
इस दिन को सर्दियों की शुरुआत का दिन माना जाता है. इसके आगमन से लोग बहुत खुश होते है।
हिंदू धर्म में इसे कैसे मनाते हैं?
हमारे हिंदू धर्म में इस घटना को एक पवित्र दिन माना जाता है,
और इस दिन हमारे हिंदू मान्यताओं के अनुसार लोग मां गंगा में स्नान करके तथा पूजा करके इस दिन को बनाते हैं।
आप तो जानते ही हैं कि हमारे हिंदू धर्म में जितने भी त्यौहार है उस दिन मां गंगा में स्नान करना कितना पवित्र माना गया है।
लोग गंगा में स्नान करने के बाद देवी देवताओं की पूजा करते हैं।
जिससे मन को शांति मिलती है और व्यक्ति तन मन से हमेशा स्वस्थ रहता है।
शीतकालीन त्योहार- Winter Solstice Of Two Planets
त्यौहार हो या पूजा पाठ हो दोनों को मनाने में मन को संतुष्टि मिलती है तथा व्यक्ति को एक अच्छा खुशी कैसा होता है।
दो ग्रहों की शीतकालीन संक्रांति का त्यौहार भी कुछ ऐसा ही है।
अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड आदि सभी देश बहुत ही अलग प्रकार से अलग खुशियों के साथ होता अलग रीति रिवाज से बनाते हैं।
दो ग्रहों की शीतकालीन संक्रांति की घटना फिर कब होगी।
वैज्ञानिकों के अनुसार यह घटना किसी निश्चित होती मैं नहीं होता है।
पिछली संक्रांति की घटना लगभग 800 साल बाद हुई थी तथा अगली खगोलीय घटना 2080 में होगी।
Google Doodle
अगर आप मोबाइल फोन यूज करते हैं तो आपने यह जरूर देखा होगा कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय त्यौहार या दिवस या किसी खास मौके पर गूगल अपनी तरफ से गूगल डूडल के रूप में सेलिब्रेट करता है।
इसी प्रकार इसी प्रकार इस घटना के घटित न होने पर 21 दिसंबर को गूगल ने अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के साथ मिलकर।
एक एनिमेशन इमेज के रूप में मनाया था जिसे गूगल डूडल कहते हैं इसमें होता यह है।
कि जो गूगल का सर्च इंजन है जहां आप कुछ लिखकर सर्च करते हैं वहीं पर बृहस्पति और शनि दो ग्रहों को दर्शाया गया था।
कहा घटित होती है यह घटना
उत्तरी गोलार्द्ध में साल का सबसे छोटा दिन तथा सबसे लम्बी रात होती है। २० सल में एक बार दोनों सबसे बड़े ग्रह संरेखित अवश्था में आते है।
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